Saturday 22 August 2020

तिन्ही सैन्यदलांचा सॅल्यूट वेगळा कसा असतो?

आपल्या भारत देशाच्या संरक्षणासाठी तीन महत्त्वाचे सैन्यदल कार्यरत आहेत ते म्हणजे आर्मी, नेवी आणि एअरफोर्स.
आर्मी म्हणजेच भूदल, नेवी म्हणजेच नौदल आणि एअरफोर्स म्हणजेच वायुदल. या तीनही संरक्षण सैन्यदलांचे सेल्यूट करण्याची पद्धत ही वेगवेगळी असते आणि ती कशी वेगळी आणि ते कश्या प्रकारे सेल्युट करतात आज त्याबद्दलच आज आपण जाऊन घेणार आहोत.

भारतात आर्मी, नेव्ही, एअरफोर्स अर्थात भूदल, नौदल, वायुदल अशी तीन वेगवेगळी सैन्यदलं असून त्यांच्या कार्यपद्धतीत फरक आहे.
मात्र याव्यतिरिक्त या तीनही सैन्यदलाच्या सॅल्यूट करण्याच्या पद्धतीतदेखील विभिन्नता आढळते. जाणून घेऊयात सॅल्यूटच्या या पद्धतींविषयी.

 आर्मी/भूदल : 
आर्मीचे जवान, अधिकारी हाताचे सर्व बोटे चिकटवून मधले बोट कपाळाच्या बाजूला टेकवून सॅल्यूट देतात. हे करत असताना त्यांचा हात 180 अंशामध्ये वळलेला असतो.

नेव्ही/नौदल :
नौदलाचे जवान, अधिकारी सॅल्यूट करताना 90 अंशात हात वळवून तळहाताची दिशा जमिनीकडे ठेवून हात कपाळाच्या बाजूला टेकवतात. जहाजदुरुस्ती करताना खराब झालेले हात दिसू नयेत म्हणून असे केले जाते.

एअरफोर्स/वायुदल :
वायुदलात जवान, अधिकारी सॅल्यूट करताना हात 45 अंशात वळवून कपाळाच्या बाजूला टेकवतात. थोडासा तिरका हात असल्यामुळे विमान उड्डाणाशी याचा संदर्भ लावला जातो. 2006 मध्ये एअरफोर्ससाठी नवीन नियम आले आहेत.

Wednesday 19 August 2020

डर (Phobia) से जुड़ी कुछ बातें

मनोवैज्ञानिकों द्वारा 400 अलग अलग तरह के Phobia (डर) बताएं गए है।

* किसी संत - साधु, पादरी को देखकर होने वाले डर को "Papaphobia" केहते है।

*Phobia होने के डर को  "Phobophobia" कहते है।

* मोबाइल फोन के बिना रहने से और Signal ना मिलने से होने वाले डर को "Namophobia" कहते है।
* किसी सुंदर लड़की को देखकर होने वाले डर को "Caligynephobia" कहते है।

* जब आपका बियर का ग्लास खाली हो जाता है और उसके बाद आपके अंदर जो डर मेहसूस होता है उसे "Cenosillicaphobia" कहते है।

* जब आपको लगता है कि ज्यादा खुश होने से भविष्य में कुछ दुखद न हो जाए उस डर को "Cherophobia" कहते है।

* किसिके प्यार में पड़ने के डर को "Philophobia" कहते है।



Tuesday 18 August 2020

इंसानी दिमाग के बारे में हैरान कर देने वाले सच।

चलो दोस्तो आज हम इंसान के शरीर के उस हिस्से के बारे में जानेंगे जो इंसानी शरीर में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वो हिस्सा है दिमाग,  दिमाग इंसान के शरीर का वो हिस्सा है जिसके बिना कोई मनुष्य जीवित नहीं रह सकता. आज हम दिमाग के संबधित कुछ छोटी मोठी अनसुनी पर हैरान कर देनी वाली बातों के बारे में जानेंगे।

* जब हम किसी व्यक्ति का चेहरा गौर से देखते है उस वक्त हम अपने दिमाग का दाया भाग इस्तेमाल करते है।

* मनुष्य के दिमाग में दर्द कि कोई नस नहीं होती, इसलिए वह कोई दर्द महसूस नहीं कर सकता।

* सर्जरी से हमारा आधा दिमाग हटाया जा सकता है, और इससे हमारी यादों पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा।
* जब आप जाग रहे होते है तब आपका दिमाग 10 से 23 वोल्ट की विद्युत ऊर्जा छोड़ता है जो एक बिजली के बल्ब को भी जला सकती है।

* 5 वर्ष कि आयु तक दिमाग का 95% विकास होता है और 18 वर्ष कि आयु तक 100% हो जाता है। उसके बाद रुक जाता है।

* हमारा दिमाग 75% पानी से बना होता है।

* हमारे दिमाग कि राइट साइड अपनी बॉडी के लेफ्ट साइड को और दिमाग कि लेफ्ट साइड बॉडी के राइट साइड को कंट्रोल करती है।

आज का Gk आपको कैसा लगा जरूर बताइए।

Sunday 16 August 2020

जानिए मंदिरों में घंटी क्यों बजाते है।



वैज्ञानिकों केहना कि जब मंदिरों में घंटी बजाई जाती है तब वातावरण में कंपन पैदा होता है, जो  वायुमंडल के कारण काफी दूर तक जाता है।
इस कंपन का फायदा यह है कि इसके संपर्क में आनेवाले सभी जीवाणु - विषाणु और सूक्ष्म जीव सभी नष्ट हो जाते है इस कारण अपने आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है। घंटी बजाने से देवी देवताओं के समक्ष आपकी हाजरी लग जाती है। 
मान्यता के अनुसार घंटी बजाने से देवी देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत हो जाती है जिससे आपकी पूजा और आराधना काफी प्रभावशाली और फलदायक बन जाती है।
घंटी की मनमोहक और कर्ण प्रिय  ध्वनि में और मस्तिष्क को अध्यात्म भाव की और ले जाने का सामर्थ्य रखती है।

Wednesday 12 August 2020

मालक असेच होता येत नाही...


एकदा एका मोठ्या ऑटोमोबाईल कंपनीचे मालक आपल्या अती महत्वाच्या उच्च अधिकाऱ्यांसोबत एका ठिकाणी तातडीच्या मीटिंगला निघाले होते. मोठी आलिशान गाडी होती आणि प्रवासही साधारण तीन चार तासांचा होता. सर्वजण सकाळी लवकर निघाले होते.

   गाडी वाटेत आल्यावर ड्रायव्हर च्या असे लक्षात आले की मागील एक चाक पंक्चर आहे, ड्रायव्हरने गाडी लगेच रस्त्याच्या बाजुला घेतली आणि सर्वांना उतरायला सांगितले. सर्वजण जरा खुश झाले. कारण सकाळी लवकर निघाले होते आणि मध्ये कुठेच थांबले नव्हते म्हणून ब्रेक हवाच होता. मालक आणि बाकी सर्वजण उतरून इकडे तिकडे गेले, कोणी जवळच्या ढाब्यावर जाऊन सिगरेट ओढू लागले तर कोणी झुडपाच्या आड गेले. अर्ध्यातासा नंतर सर्वजण एकत्र जमले, सर्व टीम एकत्र आली पण मालक मात्र दिसले नाही. सर्वजण मालकांना शोधू लागले पण मालक कुठेच दिसले नाही. दहा मिनिटांनी सर्वजण गाडी जवळ आले , बघतात तर काय मालकांच्या शिर्टचे दोन्ही हात कोपरापर्यंत वर होते, चेहरा सगळा घामेघुम झालेला, हातात स्टेपनी चे चाक आणि चेहऱ्यावर स्मिथ हास्य ठेवून ड्रायव्हरला पंक्चर चाक बदलण्यासाठी मदत करताना दिसले आणि तिथेच सर्व उच्च अधिकाऱ्यांना पहिला धडा भेटला...
 थोर होण्यासाठी तुम्हाला जमिनीवर उतरून काम करावे लागते आणि जमिनीवरील समस्या माहीत करून घ्याव्या लागतात. नुसते आदेश सोडून अधिकारी बनू शकता, पण मालक नाही होता येत. त्या महान व्यक्तिमत्व असलेल्या  उद्योगपती मालकांचे नाव होते. "श्री. रतन टाटा."
     नाशिक येथे नेल्को ची टीम घेऊन जाताना खरोखर घडलेला प्रसंग...

दुनिया की सबसे भारी धातु



दुनिया की सबसे भारी धातु ओस्मियम मानी जाती है। 

ये सबसे अधिक घनत्व वाली धातु है जो कच्चे प्लैटिनम में मिलती है। 

ये धातु जहरीली होने के कारण इसका प्रयोग अन्य धातुयो में मिलाकर किया जाता है। 

इसकी 2 फिट लंबी, चौड़ी व ऊंची सिल्ली का वजन एक हाथी के बराबर होता है। 
फाउन्टेन पेन की निब या ग्रामोफोन रिकॉर्ड की सुई की नोक में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

 इसकी खोज 1803 में स्मिथसन टेनेंट ने लंदन में की थी।

Monday 10 August 2020

भारतरत्न सम्मान मिलने पर सरकार द्वारा दि जाने वाली सुविधाएं।

     भारतरत्न अपने भारत देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। उन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान कि शुरुवात 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी द्वारा की गई थी।

     भारतरत्न सम्मान मिलने वाले व्यक्तियों को भारत सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाएं।

* जीवनभर Income Tax नहीं भरना पड़ता।

* VVIP के बराबर का दर्जा दिया जाता है।

* जरूरत पड़ने पर Z- ग्रेड की सुरक्षा दि जाती है।

* जीवनभर भारत में Air India की प्रथम श्रेणी की मुफ्त हवाई यात्रा और रेलवे में प्रथम श्रेणी की मुफ्त यात्रा दि जाती है।

* संसद की बैठकों और सत्र में भाग लेने की अनुमति मिलती है।

* केबिनेट रैंक के बराबर की योग्यता मिलती है।

* विदेश यात्रा के दौरान भारतीय दुतावास द्वारा उन्हें हर संभव सुविधाएं प्रदान की जाती है।

* गणतंत्र दिन और प्रजासत्ताक दिन के प्रमुख अतिथि होने का मान मिलता है।

* उनके किसी एक रिश्तेदार को सरकारी नौकरी दि जाती है।

Sunday 9 August 2020

ऐसे शक्स जिन्होंने कभी हार नहीं मानी लेकिन इतिहास रच दिया।

* 9 साल की उम्र में उनकी मां की मृत्यु हो गई।

* 21 साल की उम्र में वो अपने पिता से अलग हो गए।

* 23 साल की उम्र में नौकरी से निकाल दिए गए।

* 24 साल की उम्र में बिजनेस में फेल हो गए।

* 26 साल की उम्र में उनकी प्रेमिका की मृत्यु हो गई।

* 27 साल की उम्र में डिप्रेशन में चले गए।

* 34 साल की उम्र में चुनाव लडे लेकिन हार गए।

* 39 साल की उम्र में फिरसे चुनाव हार गए।

* 45 साल की उम्र में senate का चुनाव हार गए।

* 47 साल की उम्र में voice president का चुनाव हार गए।

* 49 साल की उम्र में दोबारा senate का चुनाव हारे।

अगर उनकी जगह कोई और होता तो हार मान लेता या अपनी किस्मत को कोसता लेकिन कई जिद्धी लोक ऐसे होते जो मेहनत से अपनी किस्मत बदल देते है और ये उन्हीं लोगो में से एक थे।

* 51 साल की उम्र में फिर चुनाव लडे और अमेरिका के 16 वे राष्ट्रपति बन गए जिन्हें दुनिया अब्राहम लिंकन के नाम से जानती है।

Tuesday 4 August 2020

दुनिया का सबसे आमिर इंसान

आज हम उस इंसान के बारे में जानेंगे जिन्होंने कठोर मेहनत करके अपनी काबिलियत दुनिया के सामने रख दी है। आज वो इंसान दुनियां का सबसे आमिर इंसान होने का मान रखता है। वो इंसान है अमेजॉन कंपनी के संस्थापक और मालिक जेफ बेज़ोस। 


जेफरी प्रेस्टन "जेफ" बेजोस (12 जनवरी 1964 का जन्म) अमेज़न.कॉम के संस्थापक, अध्यक्ष, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अमेज़न.कॉम बोर्ड के अध्यक्ष हैं। बेजोस, जो कि प्रिंसटन विश्वविद्यालय से स्नातक हैं और जिन्हें टाऊ बेटा पि नामक प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुका है,

कैरिअर

प्रिंसटन विश्वविद्यालय से 1986 में स्नातक होने के बाद, बेजोस ने वाल स्ट्रीट में कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में काम किया। फिर उन्होंने फिटेल नामक कंपनी के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए एक नेटवर्क बनाने का कार्य किया। इसके बाद बेजोस ने बैंकर्स ट्रस्ट के लिए, उप-राष्ट्रपति के रूप में काम किया। बाद में उन्होंने कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में डी. ई.शॉ और कम्पनी के लिए भी काम किया।

बेजोस ने 1994 में, न्यूयॉर्क से लेकर सिएटल तक सम्पूर्ण देश का भ्रमण करने के बाद, अमेज़न.कॉम की स्थापना की। अमेज़न की व्यापार योजना वे भ्रमण के दौरान रास्ते में लिखते थे। इस कम्पनी का प्रारम्भ उन्होंने अपने गैरेज से किया। अमेज़न के साथ अपने कार्य के दम पर वे एक प्रमुख डॉट-कॉम उद्यमी और अरबपति बन गए। 2004 में, उन्होंने ब्लू ओरिजिन नामक एक मानव स्पेस फ्लाईट नामक एक स्टार्टअप कंपनी की स्थापना की।

बेजोस को व्यापार प्रक्रिया विवरण में उनकी रूचि के लिए जाना जाता है। जैसा कि कोंडे नास्ट के पोर्टफोलियो.कॉम में वर्णित किया गया है, वे " एक ही समय पर जहां एक तरफ एक निश्चिन्त मुग़ल हैं वहीं दूसरी तरफ एक कुख्यात माइक्रोमैनेजर हैं।... एक ऐसे कार्यकारी हैं जो अमेज़न से सम्बंधित प्रत्येक बात जानना चाहते हैं चाहे वह अनुबंध की बारीकियां हो या उन्हें अमेज़न की प्रेस विज्ञप्ति में किस तरह से उद्धृत किया गया है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

आर्टिफिशियल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एएआई) एक ऐसा शब्द है जिसे जैफ बेजोस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सन्दर्भ में गढ़ा है। प्रौसेसिंग से सम्बंधित कुछ कार्य, जैसे कि किसी तस्वीर को देख कर यह पहचानना कि दिखाया गया व्यक्ति महिला है या पुरुष, अभी भी कंप्यूटर की तुलना में मनुष्यों द्वारा तेजी से किये जाते हैं। एआई अभी तक इस तरह के कार्यक्रमों की प्रोग्रामिंग के लिए पर्याप्त नहीं है।

McDonalds में काम-

जेफ ने अपने काम की शुरुआत McDonalds में काम करने से की थी। वहां काम करने के दौरान जेफ फर्श पर गिरा हुआ केचप साफ करते थे। एक बार काम के दौरान पांच गैलन केचप का कंटेनर फट गया, जेफ बताते हैं कि यह उनके काम का पहला हफ्ता था। इसलिए नए होने के कारण इसकी सफाई उन्हीं से कराई गई। अपने साथ ऐसा व्यवहार देखकर जेफ को काफी निराशा हुई। हालांकि, यहां काम करने के अलावा जेफ के पास और कोई रास्ता नहीं था।

बदल दी शॉपिंग की दुनिया

90 के दशक में एक ऐसी खोज हुई जिसका असर दुनिया पर अभी तक है। वॉल स्ट्रीट में नौकरी करने वाले जेफ बेजोस इंटरनेट क्रांति को बहुत करीब से देख रहे थे। अमेरिका मे तेजी से बढ़ रहे इंटरनेट को देखते हुए जेफ अपनी नौकरी छोड़ इंटरनेट कंपनी खोलने का फैसला करते हैं। जेफ के दिमाग में तब आइडिया आता है ऑनलाइन रिटेस का। जेफ ऑनलाइन बेचे जा सकने वाले 20 प्रॉडक्ट्स की लिस्ट बनाते हैं। किताबों की कम कीमत और कभी न खत्म होने वाली मांग को देखते हुए वह ऑनलाइन किताब बेचने के लिए वेबसाइट शुरू करते हैं।

बंपर हुई शुरुआत

कंपनी को पहले दो हफ्तों में ही भविष्य नजर आ गया। महज दो हफ्तों में कंपनी की कमाई 20 हजार डॉलर हर हफ्ते होने लगी। जेफ रेवन्यू को कंपनी की ग्रोथ में लगाते रहे। दो महीनों में ही ऐमजॉन ने अमेरिका के 50 राज्यों में अपना बिजनस शुरू कर दिया। ऐमजॉन का रेवन्यू प्लान अलग ही था। कंपनी ने 4-5 साल प्रॉफिट का नहीं सोचा था। कंपनी के स्टॉकहोल्डर्स इस से परेशान थे। 21वीं सदी के आते ही जब डॉटकॉम का गुबारा फुटा तो अधिकतर ऑनलाइन कंपनियां उससे बुरी तरह प्रभावित हुई लेकिन ऐमजॉन उसके बाद और मजबूत हुआ। कंपनी को प्रॉफिट पहली बार 2001 में हुआ।

आज वो दुनिया के सबसे अमीर इंसान है । उनके पास इतनी दौलत है कि अगर उन्होंने बिना काम किए हररोज 10 लाख रूपए भी खर्च किए तो 446 साल लग जाएंगे उनकी पूरी दौलत खर्च करने के लिए।

अनमोल विचार

·         जो लोग रेसोर्स्फुल* नहीं हैं उनके साथ समय बिताने के लिए ये जीवन बहुत छोटा है

·         ऐसा व्यक्ति जो आसानी से से कठिन समस्याओं का समाधान निकाल सके.

·         किसी कंपनी के लिए एक ब्रांड एक व्यक्ति के लिए उसकी साख की तरह है. आप कठिन चीजों को करने का प्रयास करके साख पाते हैं.

·         किसी टाइट बॉक्स से बाहर निकलने के तरीको में से एक मात्र तरीका है अपना रास्ता खोजना.

·         अमेज़न में हमारे पास तीन बड़े आइडियाज थे जिनसे हम पिछले 18 साल से चिपके हुए हैं, और वे ही हमारी सफलता के कारण हैं: पहले कस्टमर को रखें. इन्वेंट करें. और धैर्य रखें.

·         हम चीजों को सिर्फ इसलिए नहीं करना चाहते क्योंकि हम उन्हें कर सकते हैं… हम व्यर्थ कुछ भी नहीं करना चाहते.

·         दो तरह की कंपनियां होती हैं, वे जो ज्यादा चार्ज करने के लिए काम करती हैं, और वे जो कम चार्ज करने के लिए काम करती हैं. हम दूसरी वाली होंगे.

·         यदि पिछले 6 सालों में हमने इन्टरनेट स्पेस में अपने साथियों से बेहतर किया है, तो वो है हमारा कस्टमर एक्सपीरियंस पर लेजर फोकस रखना, और ये सचमुच मायने रखता है, मेरे मानना है, किसी भी बिजनेस में. ऑनलाइन बिजनेस में तो ये निश्चित रूप से मैटर करता है, जहाँ वर्ड ऑफ़ माउथ बहुत अधिक पावरफुल होता है.